अपने आपसे कभी हर मत मनो दुनिया आपको जो मर्जी बोलदे आपको कोई फर्क नहीं पढता अपने वो कहवत
तो सुनी होगी की कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहेना दोस्तों जबतक आप खुद से हर नहीं मानते यकीन मानिये आपको दुनिया की कोई ताकत नहीं हरा सकती
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pistol shooter |
और इन्ही खवाबो को सजये वोह अपने पुरे जूनून के सात olympic की तयारी में लगे हुए थे लेकिन अचानक से उनके सात एक बहोत बड़ा हादसा हो गया आर्मी कैंप में आर्मी के सात practice के time उनके दाहिने हाट में hand grenade blast हो गया और उनका हाट उनके सरीर से अलग हो गया दोस्तों बदकिस्मती तो देखिये हाट भी वही जिससे उन्हें गलोड़ मैडल जीतना था दोस्तों पुरे देस में इस घटना को सुन क्र सोख जैसा माहौल होगया
hand grenade blast |
सभी के उम्मीदों पर पानी फिर चूका था लेकिन दोस्तों एक आदमी ने अभी भी हर नहीं मानी थी वो थे खुद karoly हाटसे के कुछ महीने बाद जब वे वापस आये तो उन्होंने थान लिया की olympic तो मैं जीत क्र राहु गा क्या हुआ मेरा दाहिना हाट मेरा बेस्ट हैंड आज मरे सरीर का हिस्सा नहीं है लेकिन मेरा बयां हाट तो है जिसे में अपना बेस्ट shooting हैंड बनुगा और यही मरे देस वासिओ के सपने को पूरा करे गा और olympic में गोल्ड
gold medal |
मैडल लाये गा और दोस्तों कहते है ना की हार मनो नहीं तो कोसिस बेकार नहीं होती कोसिस क्र ने वालो की कभी हार नहीं होती शुरुआत में practice के time बहोत दर्द हुआ बहोत तकलीफो का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी karoly हार नहीं मानी और अपनी लगन कड़ी महेनत और practice के दम पर अपने एक बांहे हाट को बेस्ट हैंड बना लिया और फिर ठीक 1 साल बाद 1939 में olympic के पहले वह national champion
participate करने के लिए अये और तब तक किसी को भी नहीं पता था की karoly अपने बांहे हाट से practice क्र रहे थे दूसरे competitors उन्हें वहां देख क्र चौंक गए और उन्हें लगा की वो वहां उनका हौसला बढ़ाने के लिए अये है लेकिन सबको झटका तब लगा जब karoly ने कहा मैं यह आपका हौसला बढ़ाने के लिए नहीं आया बल्कि आपसे kampatit करने के लिए आया हु उसके बाद अपने एक मात्र बांहे हाथ से shooting करते हुए सब
olympic |
वालो में से नहीं थे karoly ने practice को 1944 olympic के लिए जारी रखा लेकिन एक बार फिरसे विषयुद्ध की वजह से ही वह olympic भी नहीं हो पाया अब karoly का उम्र भी उनका सात देना छोड़ रहा था लेकिन इसके बाउजूद उनोहने हार नहीं मानी और फिर आखिर कर 1948 के olympic में अपने से कई जवान और जोशीले competitors को हरा क्र अपना और अपने देश के सपने को पूरा किया और shooting में hungry को गोल्ड मैडल दिलाया लेकिन दोस्तों कहानी अभी भी पूरी नहीं हुई है karoly ने 1952 के olympic में भी participate किया और इतिहास को बदलते हुए एक बार फिर से गोल्ड मैडल अपने नाम किया
दोस्तों एक बात यद रखिये हारने वालो के पास कई हजार बहाने होते हैं लेकिन जीतने वाले के पास बस एक वजह होनी चाहिए जो उसे जीत दिलवा सकती है
Nice story sir
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