हेओ दोस्तों कैसे हो आप सब_रहे ने दो माँ बाप के हात मे डोर Motivational Story In Hindi
दोस्तों हमारे माँ बाप हमारे बहुत से कामो में रोक टोक करते है वे हमें अक्सर कहते रहते है ऐसा मत करो वैसा मत करो ये गलत है ये सब करके क्या हमारे माँ बाप हमें आगे बढ़ने से रोक रहे है इसका फैसला हम बाद में करेंगे पहले मैं आपको एक Motivational Story सुनाता हूँ क्या हमारे माँ बाप हमें आगे बढ़ने से रोक रहे है
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Success life |
Students Motivational Story in Hindi
एक बार की बात है एक पिता अपने बेटे के साथ पतंग उड़ा रहा था पतंग आसमान में बादलो को छूती हुई हवा के साथ लहरा रही थी कुछ समय बाद बेटे ने पिता से बोला पिताजी पतंग धागे की वजय से ऊपर नहीं जा पा रही है हमें इस धागे को तोड़ देना चाहिए इसके टूटते ही पतंग ऊपर चली जायेगी
पिता ने तुरंत ही धागे को तोड़ दिया पतंग धागे के साथ ऊपर जाने लगी लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो लहराकर नीचे आने लगी और दूर कहि जाकर जमीन पर गिर गयी बेटे ने पिता से पूछा ऐसा क्यों हुआ यह नीचे क्यों आ गयी
आपकी जिंदगी की डोर motivational story in hindi
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Great men |
उसके पिता ने उससे कहा जिंदगी में हम जिस ऊँचाई पर है। वहाँ हमे अक्सर लगता है की कुछ चीजे जिनसे हम बँधे हुए है वे हमे जिंदगी की ऊँचाइयों को छूने से रोक रही है जैसे माता पिता अनुशासन परिवार आदि। इसलिए हम सोचते है। की हमें उनसे आजाद हो जाना चाहिएर
हने दो माँ बाप के हात मे डोर motivational story in hindi
जिस प्रकार पतंग धागे से बँधी हुई है ठीक उसी प्रकार हम भी इनसे बंधे हुए है वास्तव में यही वो धागा होता है जो हमें उस ऊँचाई पर बनाये रखता है अगर तुम इस धागे को तोड़ दोंगे। तो तुम एक बार तो उस पतंग की तरह ऊंचाई पर जाओगें। लेकिन बाद में उसी पतंग की तरह कहि दूर जमीन पर गिर जाओगें
समझो अपनों की फीलिंग motivational story in hindi
जब तक वह पतंग धागे से बंधी रहेगी तब तक वह आसमान की ऊंचाइयों को छूती रहेगी ठीक उसी प्रकार अगर तुम भी जीवन में ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो इन धागो से रिस्ता मत तोड़ना क्योकि जीवन में सफलता पुरे परिवार के संतुलन से मिलती है
दोस्तों इस Motivational Story से मैं आपको ये समझाना चाहता हूँ की हमारे माँ बाप हमें आगे बढ़ने से नहीं रोक रहे है वे तो रोक टोक करके उस धागे को टूटने से बचाना चाहते है क्योकि वे जानते है की अगर ये धागा टूट गया तो तुम जीवन की ऊंचाइयों को कभी भी नहीं छू पाओगें
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